SP इल्मा अफरोज पर लगे मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप निराधार, RTI से हुआ खुलासा
एसपी इल्मा ने स्पष्ट किया कि गन लाइसेंस जारी करने का निर्णय पुलिस नहीं, बल्कि अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (ADC) कार्यालय द्वारा लिया जाता है। पुलिस का कार्य केवल आवेदक का पुलिस वैरिफिकेशन करना होता है और संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट भेजना होता है।
कांग्रेस विधायक के साथ टकराव के चलते विवादों में SP
इसके साथ ही SP इल्मा अफरोज का कांग्रेस विधायक एवं CPS रामकुमार चौधरी से भी विवाद चल रहा है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब SP ने अवैध खनन के मामले में विधायक की पत्नी कुलदीप कौर की गाड़ियों के चालान काटे। इसके बाद विधायक ने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी लाया गया।
स्क्रैप व्यापारी के मामले में दबाव का सामना
बद्दी में हुए एक फायरिंग कांड के दौरान एक स्क्रैप व्यापारी, राम किशन, की बुलेटप्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं। पुलिस जांच में यह सामने आया कि व्यापारी ने खुद ही फायरिंग की थी। व्यापारी का ऑल इंडिया गन लाइसेंस पाने के प्रयासों के बावजूद, उसके पिछले रिकॉर्ड के कारण SP अफरोज ने मंजूरी नहीं दी, जिससे कई स्थानीय नेताओं और व्यापारियों के बीच नाराजगी बढ़ गई।
मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल होने के बाद SP ने लंबी छुट्टी ली
SP इल्मा अफरोज हाल ही में शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में DC-SP बैठक में शामिल हुई थीं। बैठक के बाद अफवाहें थीं कि SP पर कुछ राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा था। SP अफरोज ने अपने सरकारी आवास को खाली कर दिया और अपनी मां के साथ लंबी छुट्टी पर चली गईं। उनके स्थान पर हिमाचल पुलिस सेवा के अधिकारी विनोद कुमार को फिलहाल SP बद्दी का प्रभार सौंपा गया है।
हाईकोर्ट के आदेश से ट्रांसफर पर रोक
SP अफरोज का ट्रांसफर किया जाने वाला था, लेकिन नालागढ़ के एक यौन शोषण मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें जांच अधिकारी नियुक्त किया है। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट जमा होने तक SP के तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 नवंबर को होनी है।
SP का स्पष्टीकरण
SP इल्मा अफरोज ने स्पष्ट किया है कि पुलिस का काम केवल गन लाइसेंस आवेदनों का सत्यापन करना होता है। उन्होंने कहा, "हमारे पास गन लाइसेंस बनाने का अधिकार नहीं है। यह काम जिला प्रशासन के तहत आता है। हमारा काम केवल पुलिस वैरिफिकेशन कर रिपोर्ट भेजना है। लाइसेंस देने या न देने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती।"
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