पुष्कर में दीपदान महोत्सव 2024: आस्था और श्रद्धा का भव्य संगम
हजारों श्रद्धालु दीपदान कर रहे हैं
पुष्कर झील के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा है, और शाम होते ही घाटों पर दीयों की रौशनी से पूरा वातावरण दिव्य हो उठता है। मान्यता है कि इस दिन पुष्कर झील में स्नान और दीपदान करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। श्रद्धालु पूरी आस्था और भावनाओं के साथ इस विशेष अवसर को मना रहे हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से महोत्सव की रौनक
दीपदान महोत्सव के अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। राजस्थान के लोक कलाकार पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हैं। कालबेलिया, गेर नृत्य, और चरी नृत्य की प्रस्तुतियाँ महोत्सव की रौनक को बढ़ा रही हैं और स्थानीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत कर रही हैं।
पुष्कर मेले में हस्तशिल्प, पारंपरिक आभूषण, कपड़े और खाने-पीने के स्टॉल लगे हैं, जहाँ पर्यटक और श्रद्धालु खरीदारी कर रहे हैं। यह मेला राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सामने लाने का अवसर प्रदान कर रहा है।
सुरक्षा के विशेष इंतजाम और कोविड गाइडलाइन्स का पालन
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन कोविड-19 से बचाव के उपायों का भी पालन करवा रहा है, जिसमें मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम शामिल हैं।
पुष्कर का दीपदान महोत्सव, आस्था, संस्कृति, और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर सभी को जोड़ रहा है।
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