हिमाचल कांग्रेस की बैठक में बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी: भाजपा के दुष्प्रचार पर जवाब देने की रणनीति पर नहीं हो सकी चर्चा

 हिमाचल कांग्रेस की बैठक में बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी: भाजपा के दुष्प्रचार पर जवाब देने की रणनीति पर नहीं हो सकी चर्चा



शिमला, 23 सितंबर: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय, राजीव भवन में आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य प्रदेश में भाजपा द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार का करारा जवाब देने के लिए रणनीति तैयार करना था। हालांकि, बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित कई बड़े नेता अनुपस्थित रहे, जिससे पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में असंतोष का माहौल देखा गया।

बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी पर सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल नहीं हो सके। मुख्यमंत्री सुक्खू डॉक्टरों की सलाह के कारण आराम कर रहे हैं, लेकिन कैबिनेट के 10 में से केवल 3 मंत्री – चंद्र कुमार, विक्रमादित्य सिंह और राजेश धर्माणी – ही मीटिंग में उपस्थित रहे। इसके अलावा CPS, कई विधायक और एक वर्किंग प्रेसिडेंट भी बैठक में नहीं पहुंचे।

400 से ज्यादा पदाधिकारी, लेकिन मीटिंग में कम उपस्थिति

सूत्रों के अनुसार, बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने इस बात पर भी सवाल उठाए कि पार्टी की जंबो कार्यकारिणी में 400 से ज्यादा पदाधिकारी होने के बावजूद, महत्वपूर्ण बैठकों में उनकी उपस्थिति बेहद कम रहती है। पार्टी के अंदर सक्रिय और योगदान देने वाले सदस्यों को ही संगठन में प्रमुख स्थान दिया जाना चाहिए, ऐसा विचार भी बैठक में सामने आया।

प्रतिभा सिंह ने कहा - संगठन और सरकार मिलकर करेंगे काम

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने माना कि खराब मौसम के कारण सभी लंबे समय बाद मिल रहे हैं, लेकिन संगठन और सरकार मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर कांग्रेस को और मजबूत करेंगे। बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त सह प्रभारी विदित चौधरी को भी इंट्रोड्यूस कराया गया।

भाजपा के हमलों पर नहीं हो सकी रणनीतिक चर्चा

प्रदेश में विपक्षी पार्टी भाजपा, आर्थिक स्थिति और मस्जिद विवाद को लेकर सरकार पर लगातार हमले कर रही है। कांग्रेस ने पहले ही प्रेस नोट जारी कर भाजपा के दुष्प्रचार का जवाब देने की बात कही थी, लेकिन नेताओं की गैरमौजूदगी के कारण इन अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी।

इस बैठक के जरिए यह स्पष्ट हो गया कि हिमाचल कांग्रेस में अंदरूनी समस्याएं और असंतोष बढ़ रहे हैं। भाजपा के लगातार हमलों के बीच कांग्रेस को मजबूत रणनीति बनाने और संगठन को सक्रिय करने की जरूरत है, जिससे वह आने वाले दिनों में विपक्षी हमलों का प्रभावी ढंग से जवाब दे सके।

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