हिमाचल के सरकारी स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा पर संकट, अनुबंधित कंपनियों को हटाने पर विचार

 हिमाचल के सरकारी स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा पर संकट, अनुबंधित कंपनियों को हटाने पर विचार



हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा से जुड़ी 17 कंपनियों को हटाने की संभावना बढ़ गई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में आज होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है। यह कदम वोकेशनल शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांगों और शिमला में 11 दिनों तक चले उनके प्रदर्शन के बाद उठाया जा रहा है।

वोकेशनल शिक्षकों की मांग

वोकेशनल शिक्षक हरियाणा मॉडल को अपनाने की मांग कर रहे हैं, जिसमें उनकी सेवाओं को शिक्षा विभाग के अधीन लाया जाएगा। उनका कहना है कि इससे सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और केवल बिचौलिया कंपनियों को हटाया जाएगा।

वोकेशनल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने आरोप लगाया है कि अनुबंधित कंपनियां शिक्षकों का शोषण कर रही हैं और कमीशन के रूप में करोड़ों रुपये सरकार को खर्च करने पड़ रहे हैं।

सरकार पर खर्च और शिक्षा का प्रभाव

प्रदेश के हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेशनल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को पढ़ाए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में करीब 80 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। वर्तमान में 17 कंपनियों के माध्यम से शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं।

वोकेशनल शिक्षकों का कहना है कि ये कंपनियां शिक्षकों के अधिकारों का हनन कर रही हैं और वेतन में कटौती कर रही हैं। उनका मानना है कि बिचौलियों को हटाने से न केवल उनकी समस्याएं हल होंगी, बल्कि सरकार को भी वित्तीय बचत होगी।

वोकेशनल पाठ्यक्रम और केंद्र की योजना

वोकेशनल पाठ्यक्रम केंद्र सरकार की योजना के तहत शुरू किए गए हैं, जिसका उद्देश्य स्कूल स्तर पर दक्ष कामगार तैयार करना है। योजना के लिए 90% बजट केंद्र और 10% राज्य सरकार देती है। शिक्षकों का कहना है कि इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए अनुबंधित कंपनियों को हटाना अनिवार्य है।

आज हो सकता है बड़ा फैसला

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में शिक्षकों की मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार कंपनियों को हटाने का फैसला करती है या नहीं। अगर ऐसा हुआ, तो यह हिमाचल के वोकेशनल शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है।

क्या होगा अगला कदम?
सरकार के निर्णय का असर केवल शिक्षकों पर ही नहीं, बल्कि हिमाचल के वोकेशनल शिक्षा प्रणाली और 80,000 से अधिक छात्रों के भविष्य पर भी पड़ेगा। शिक्षकों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों को सुनकर सकारात्मक निर्णय लेगी।

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