कज़ान, रूस में ऐतिहासिक BRICS शिखर सम्मेलन: नए सदस्यों का स्वागत, वैश्विक स्थिरता और विकास पर जोर
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BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका) |
BRICS शिखर सम्मेलन में नए सदस्यों का स्वागत
BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका) अब तक पाँच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह था, लेकिन इस साल के कज़ान शिखर सम्मेलन में नए सदस्यों के आगमन ने इस समूह को और अधिक विस्तार दिया है। नए सदस्यों के शामिल होने से BRICS का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा, और यह समूह वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, और व्यापार में और भी अधिक सशक्त भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री का वक्तव्य
भारतीय प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में नए सदस्यों के स्वागत के साथ BRICS मंच की संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "यह शिखर सम्मेलन खास है क्योंकि हम अपने BRICS परिवार में नए सदस्यों का स्वागत कर रहे हैं। यह मंच हमारे ग्रह को बेहतर, समृद्ध और अधिक टिकाऊ बनाने की असीमित संभावनाएँ रखता है। BRICS का विस्तार विश्व के सामने एक नई शक्ति और स्थिरता का संकेत है।"
BRICS के विस्तार के मायने
नए सदस्यों के शामिल होने से BRICS देशों के बीच सहयोग के क्षेत्र बढ़ेंगे, जिसमें विशेष रूप से व्यापार, आर्थिक समृद्धि, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और वैज्ञानिक-तकनीकी विकास शामिल हैं। BRICS का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के विकासशील देशों की आवाज को मजबूत करना है, और नए सदस्यों के साथ यह समूह विश्व के बहुपक्षीय मंचों पर एक मजबूत प्रतिनिधि बनकर उभरेगा।
प्रमुख चर्चा बिंदु: विकास और स्थिरता
शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने विकासशील देशों के समक्ष खड़ी चुनौतियों, आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन, और ऊर्जा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की। वैश्विक स्तर पर स्थिरता और समृद्धि बढ़ाने के लिए BRICS देशों ने आपसी सहयोग को और सशक्त बनाने का संकल्प लिया।
विशेषकर जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें हरित ऊर्जा, पर्यावरणीय सुरक्षा, और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए समन्वित कदम उठाने पर जोर दिया गया। इसके अलावा, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी नए रास्ते खोजने की दिशा में विचार-विमर्श हुआ।
BRICS की संक्षिप्त जानकारी
BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका) विश्व की पाँच सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इसका गठन 2009 में हुआ था, और 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद इसका नाम BRIC से BRICS हो गया। BRICS देशों का संयुक्त GDP वैश्विक अर्थव्यवस्था का लगभग 25% है, और ये देश विश्व की 40% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस समूह का उद्देश्य आपसी सहयोग के माध्यम से विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बेहतर मंच तैयार करना है, जो वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बना सके।
BRICS ने समय-समय पर वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं, और इनका उद्देश्य बहुपक्षीय व्यवस्था को और अधिक संतुलित और समावेशी बनाना है।
निष्कर्ष: एक नया युग
कज़ान शिखर सम्मेलन BRICS के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ है। नए सदस्यों के आगमन से BRICS का विस्तार और उसकी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस मंच पर आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने के लिए किए गए कदम आने वाले समय में वैश्विक स्थिरता और समृद्धि को नए आयाम प्रदान करेंगे।
इस शिखर सम्मेलन के नतीजे भविष्य में BRICS देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक मुद्दों पर प्रभावशाली समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के संकेत देते हैं। BRICS का यह विस्तार न केवल इस समूह को मजबूत करेगा, बल्कि एक नए बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की ओर कदम भी बढ़ाएगा।
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