क्रीमी लेयर पर प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा बयान: SC/ST आरक्षण में बदलाव की कोई संभावना नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसद भवन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के सांसदों को एक महत्वपूर्ण आश्वासन दिया है कि SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं होगा। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बावजूद लिया गया है, जिसने SC/ST आरक्षण में सब-कैटेगरी के लिए विचार करने की बात की थी।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमारा संविधान, जिसे डॉ. भीमराव अंबेडकर ने तैयार किया था, SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर के प्रावधान को मान्यता नहीं देता। NDA सरकार इस संविधान के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने हाल ही में सुझाव दिया था कि SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए। इस पर चिंता जताते हुए, 100 दलित सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। उनका तर्क था कि क्रीमी लेयर लागू करने से आरक्षण का लाभ उन लोगों तक नहीं पहुंचेगा जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आश्वस्त किया कि उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जाएगा और SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को सरकार अध्ययन कर रही है, लेकिन निर्णय मौजूदा व्यवस्था के अनुरूप ही लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को अपने 20 साल पुराने फैसले को पलटते हुए कहा था कि राज्य सरकारें SC और ST के बीच कोटे में कोटा देने की नीति अपना सकती हैं। जस्टिस गवई के अनुसार, राज्य सरकारों को क्रीमी लेयर की पहचान करने और इसे आरक्षण लाभ से वंचित करने के लिए नीति बनानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन के बीच, यह स्पष्ट है कि वर्तमान में SC/ST आरक्षण प्रणाली में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा, और सरकार संविधान के मूल प्रावधानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेगी।
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